रिपोर्ट मनोज कुर्रे कोटा
तखतपुर :- डॉक्टर की पढ़ाई करने तखतपुर क्षेत्र के ग्राम चौरहा सिघनपुरी के निलेश जायसवाल यूक्रेन गया है और इन दिनों वह बंकर में डर के साये में भूखे प्यासे जीवन जी रहा है।
भारत के महंगी चिकित्सा शिक्षा वहन न कर सकने के कारण निलेश जायसवाल यूक्रेन लगभग 5 वर्ष पूर्व एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए गया हुआ था। और उसकी पढ़ाई का 10 सेमेस्टर पूर्ण भी हो चुका है केवल 1 वर्ष ही शेष है लेकिन अंतिम वर्ष रूस और यूक्रेन की युद्ध मे आगे की पढ़ाई फस गया है।वह जहां रहते थे वहां से एक बंकर में आकर अपने और कई अन्य साथियों के साथ छिपा हुआ है। लेकिन जिस बंकर में वे छिपे हैं उसी के आसपास लगातार ब्लास्टिंग और हमले हो रहे हैं। हर पल मौत के साए में अपना जीवन जी रहे हैं। खाने-पीने के भी वहां पर लाले पड़ गए हैं थोड़ा बहुत जूस पीने को मिल रहा है लेकिन उसके भी दाम कई गुना बढ़ गए हैं। अब उसे केवल भारत सरकार की मदद की उम्मीद है। कि सरकार उन्हें वापस अपने वतन बुलाने के लिए प्रयास करेंगे। विदित हो कि उसका भाई भरत जायसवाल भी एक बीएएमएस डॉक्टर है और उसका मामा जय राम जयसवाल कंचनपुर पंचायत का सरपंच है इन लोगों ने सभी से पैसा एकत्रित कर उसको भेजे हैं ताकि वह सुरक्षित वापस आ सके। इसके साथ ही भगवान से दिन रात प्रार्थना कर रहे हैं उनका बच्चा सकुशल वापस घर आ सके।