सीजी राइट टाइम्स न्यूज चैनल की खास रिपोर्ट
पथरिया - छत्तीसगढ़ को बने 25 साल हो गए और मुंगेली को जिला बने भी 13 साल पूरे हो चुके हैं, लेकिन राज्य की शिक्षा व्यवस्था की नींव मजबूत करने वाले विभाग खुद जर्जर व्यवस्था के सहारे काम कर रहे हैं।
मुंगेली जिले के पथरिया विकासखंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) कार्यालय की हालत देख कर कोई भी हैरान हो सकता है। यह कार्यालय आज भी अपने नाम का एक अदद भवन नहीं पा सका है। मजबूरी में यह दफ्तर अब भी किसी अन्य विभाग के छोड़े हुए पुराने और खस्ताहाल भवन में संचालित हो रहा है।
छत से टपकता पानी, दीवारों पर सीलन, जान जोखिम में काम
जिस भवन में यह कार्यालय संचालित हो रहा है, वह पूरी तरह जर्जर हो चुका है। बारिश के दिनों में छत से पानी टपकता है, दीवारों में सीलन समा चुकी है, और फर्श पर दरारें पड़ी हुई हैं। अधिकारी और कर्मचारी जान जोखिम में डालकर रोजाना यहां बैठकर कार्य करने को मजबूर हैं।
क्या यही है विकास?
सरकार हर साल शिक्षा के नाम पर अरबों रुपये खर्च करती है। नई योजनाओं की घोषणाएं होती हैं, डिजिटलीकरण की बातें की जाती हैं, लेकिन जिन दफ्तरों से इन योजनाओं को लागू किया जाना है, उनकी हालत खुद ही दयनीय बनी हुई है।
जनप्रतिनिधियों और शासन से सवाल
आखिर ऐसा कब तक चलेगा? क्या पथरिया बीईओ कार्यालय को खुद का सुरक्षित भवन दिलवाना सरकार के एजेंडे में शामिल नहीं है? क्या शिक्षा के प्रशासनिक आधारभूत ढांचे को यूं ही अनदेखा किया जाएगा?
अब समय है कि शासन-प्रशासन आंखें खोले और प्राथमिकता के आधार पर इस कार्यालय के लिए नया भवन स्वीकृत कर इसका निर्माण करवाया जाए। क्योंकि अगर शिक्षक और शिक्षा अधिकारी खुद असुरक्षित माहौल में काम करेंगे, तो बेहतर शिक्षा की कल्पना केवल कागजों तक सीमित रह जाएगी।