नवरात्रि पर्व में 9 दिनों तक कलशप्रज्वलित होता है, पूरे श्रद्धा के साथ देवी स्वरूप पूजा की जाती है
सीजी राइट टाइम्स न्यूज चैनल की खास खबर
तखतपुर_ आपके द्वारा देवी मंदिर में आस्था पूर्वक मांगी गई मन्नत को पूरा करने के लिए मंदिर समिति के द्वारा जो नौ दिनों तक ज्योति कलश तेल और घी की प्रज्जवलित की जाती है उस ज्योति कलश को प्रज्जवलित करने साथ उसके रख रखाव के लिए शारदीय नवरात्रि में 40 डिग्री और चैत नवरात्रि में 50 डिग्री तापमान में पूरे नौ दिनों तक अखण्ड ज्योत को देखरेख करने वाले मंदिर में आस्था पूर्वक अपनी सेवाएं देते है।
इंसान अपने जीवन में बहुत सारे उतार चढाव देखता है और अपनी तकलीफ और पीडा को माता रानी के दरबार में अपने दिल के हर पट को खोलकर अपनी व्यथा व्यक्त करता है और माता रानी से मनोती मानता है कि उसकी मनोकामना पूर्ण होने पर वह मंदिर में ज्योति कलश प्रज्जवलित कराऐगा और माता रानी भी अपने भक्तों के दुख दर्द दूर करती है और यहीं कारण है कि कभी तखतपुर नगर में शुरूआती दिनों में 11 ज्योति कलश से शुरू होने वाले महामाया मंदिर में आज 711 ज्योति कलश प्रज्जवलित हुए है उसके साथ ही नगर के मां किला वाली चण्डी मंदिर , दुर्गा मंदिर, हथनीकला, धुंधी माई, बहुरता एवं विजयपुर किला में स्थापित मां दुर्गा की मंदिर सहित क्षेत्र में 3 हजार से भी अधिक ज्योति कलश प्रज्जवलित होते है नवरात्रि पर्व में 9 दिनों तक कलशप्रज्वलित होता है। पूरे श्रद्धा के साथ देवी स्वरूप पूजा की जाती है। देवी की दरबार में कलश प्रज्ज्वलित करवाने वाले श्रद्धालुओं को शायद इस बात का अंदाजा नहीं होगा कि किस परिस्थिति में नवरात्रि पर्व के दौरान ज्योति कलश कक्ष में सेवा देने वाले सेवादार अपनी सेवा ज्योति कलश कक्ष में देते हैं। चाहे कितना भी तापमान क्यों न हो कलश की देखभाल में पूरी श्रद्धा के साथ सेवा देते हैं। नगर के मां महामाया मंदिर में सेवादारों ने अपना अनुभव बताया जिसमें पिछले बारह वर्षों से सेवादार का काम कर रहे तिलक ताम्रकार ने बताया कि सामान्यतः तापमान शारदीय नवरात्रि में 35 से 40 डिग्री के बीच रहता है। चैत्र नवरात्रि के दिनों में 48 से 50 डिग्री तापमान रहता है परंतु मां की कृपा और श्रद्धा के कारण यह उन्हें आभास नहीं होता कि वह कितने तापमान पर ज्योति कलश कक्ष में अपनी सेवा दे रहे हैं। 5 वर्षों से सेवा दे रहे कुंज राम यादव ने कहा कि जितने समय तक ज्योति कलश का सुधार कार्य करते हैं उन्हें पता ही नहीं चलता कि कितना जल्दी वह सुधार हो गया है। सेवादार दुर्गा यादव जो पिछले 5 वर्षों से ज्योति कलश कक्ष में अपनी सेवा दे रहे हैं उन्होंने कहा कि मां की असीम कृपा है कि हम उस कक्ष में अपनी सेवा दे रहे हैं। हमें किसी भी तरह की गर्मी का एहसास नहीं होता चाहे तापमान वहां का कितना भी हो। सेवादार गरीबा यादव ने कहा कि उनका ज्योति कलश कक्ष में सेवा देने का यह पहला अवसर है लेकिन एक अद्भुत अनुभव है जिसका बयां कर पाना मुश्किल है । वह अपनी सौभाग्य मान कर बहुत प्रसन्न है ज्योति कलश कक्ष में प्रतिदिन 6 घंटे के अंतराल में कक्ष में जाकर कलश को और ज्योति को देखभाल और सुधार कार्य करना होता है। इतना ही नहीं बीच-बीच में और देखना पड़ता है। पारिश्रमिक पर उन्होंने कहा कि इस कक्ष में काम करने के लिए पारिश्रमिक का कोई मोल नहीं है इसे हम माता का प्रसाद समझकर ग्रहण कर लेते हैं।
*7 लाख 77 हजार 6 सौ सेकेंड तक देख रेख*
मनोकामना पूर्ण होने पर या मनोकामना के लिए प्रज्वलित की गई ज्योति कलश के लिए जो मंदिरों में ज्योति कलश प्रज्ज्वलित की जाती है उसमें पूरे नवरात्रि के 9 दिनों में पूरे 24 घंटे इन प्रज्ज्वलित ज्योति कलश की देखरेख रात्रि जागरण तक की जाती है 9 दिनों हो यदि अंक गणित में देखें तो श्रद्धालुओं द्वारा प्रचलित की गई ज्योति कलश 7 लाख 77 हजार 6 सौ सेकेंड तक देख रेख होती है
*श्वास नली में भर जाता है धुंआ और शरीर पसीना पसीना*
40 से 50 डिग्री तक तापमान में ज्योति कलश कक्ष की तापमान रहता है और तापमान के बीच में इनकी देखरेख करने वाले प्रत्येक व्यक्ति अंदर में ज्योति कलश कक्ष मे जाता है और आपकी मनोकामना पूर्ण हो इसके लिए वह प्रज्वलित ज्योति कलश में समाप्त होते घी या तेल को डालने जाता है तब उसकी श्वास नली में प्रज्वलित ज्योति से निकलने वाला धुआं श्वास नली मे अंदर जमा होने लगता है इसके अलावा अंदर की गर्मी में पूरा शरीर पसीना पसीना हो जाता है जब वह बाहर निकलते हैं तब उनके चेहरे पर कालापन और श्वास नली से जमा काले रंग का धुआं बाहर निकलता है