बिजली कटौती और बिजली दर की बढ़ोतरी को लेकर कांग्रेस पार्टी ने की प्रेस वार्ता*..........
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मुंगेली - लगतार बढते बजली बिल को लेकर आम आदमी को होने वाली परेशानियों के मद्देनजर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैंज के निर्देश पर जिला स्तरीय पत्रकार वार्ता का आयोजन कांग्रेस भवन मुंगेली में किया गया । जिसमें बडी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया । पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष घनश्याम वर्मा ने कहा कि जिस तरह से प्रदेश सरकार हर मोर्चे में विफल हो रही है। आम आदमी के जेब में डाका डालने का काम कर रही है, आने वाले समय में प्रदेश की जनता इसका जवाब देगी ।
उनहोने कहा कि डेढ़ साल के भीतर भाजपा की साय सरकार ने चौथी बार बढ़ाएं बिजली के दाम बढाये है। घरेलू खपत पर 10 से 20 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई गैर घरेलू बिजली की दर 25 पैसे प्रति यूनिट महंगी कर दी गई है। सर्वाधिक बढ़ोतरी कृषि पंप के बिजली के दाम में 50 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि करके की गई है। छत्तीसगढ़ के किसान इस सरकार की दुर्भावना और उपेक्षा के चलते पहले ही खाद, बीज और बिजली कटौती से परेशान हैं, अब कृषि पंप में बिजली की दर बढाकर किसानों की कमर तोड़ रही है भाजपा सरकार इतिहास गवाह है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकारों में जनता को लूटने के तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जाते हैं। 2003 से 2018 तक भाजपा की पूर्ववर्ती रमन सरकार ने हर साल बिजली के दामों में वृद्धि की। 2003 में छत्तीसगढ़ में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 3 रुपए 30 पैसे के दर पर बिजली मिला करती थी, जिसे 15 साल के कुशासन के बाद रमनसिंह के समय ही 6 रुपए 40 पैसे तक बढ़ाया गया, जिसे चुनाव चुनावी वर्ष 2018 में मात्र 20 पैसे घटकर 6 रुपया 20 पैसे किया गया। ’ पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार में पूरे 5 साल का नेट वृद्धि यदि देखें तो मात्र दो पैसे का था, जो ऐतिहासिक तौर पर सबसे न्यूनतम था । छत्तीसगढ़ में घरेलू बिजली की दर में वृद्धि निम्नानुसार हुईः- साल 2003-04 2017-18 बिजली की दर 3.30 6.40 ($3.10) ( रमन सरकार में कुल वृद्धि 3 रुपए 10 पैसे अर्थात 94 प्रतिशत)6.20 2018-19 2019-20 2020-21 2021-22 2022-23 5.93 (-27) 5.93 (0) 6.08 ($15) 2023-24 6.22 ($12) 6.22 (कांग्रेस सरकार के 5 साल में कुल वृद्धि मात्र .02 रुपए या 2 पैसे अर्थात केवल 0. 32 प्रतिशत बढ़ोत्तरी हुई) 2023-24 वर्तमान में 6.22 7.02 ($.80) (भाजपा की वर्तमान साय सरकार के डेढ़ साल में कुल वृद्धि 80 पैसे अर्थात 13 प्रतिशत बढ़ोत्तरी) पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार ने बिजली के घाटे को पाटते हुए बिजली बिल ऑफ योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के 65 लाख से अधिक घरेलू उपभोक्ताओं को लगभग 3240 करोड रुपए के सब्सिडी देकर बहुत बड़ी राहत दी थी। किसानों को 5 एचपी तक निशुल्क बिजली दिया, बीपीएल उपभोक्ताओं को 40 यूनिट तक मुक्त बिजली दी गई। अस्पतालों, उद्योगों को सब्सिडाइज्ड दर पर बिजली देकर राहत पहुंचाया। भाजपा की सरकार आने के बाद प्रदेश भर में बिजली की कटौती शुरू हो गई और कीमत लगातार बधाई जाने लगी है। कोयला हमारा, पानी हमारा, जमीन हमारी और हमें ही महंगे दर पर बिजली बेचा जा रहा है? भाजपा के नेता, मंत्री, विधायक और अधिकारी एसी का मजा लूट रहे, कई सरकारी विभाग बिजली का बकाया बिल जमा नहीं कर रहें, सरकारी उपक्रमों और सरकार के चहेतों का करोड़ों का बिजली बिल का भुगतान लंबित है, उसकी वसूली भी जनता से कर रही है सरकार मामले बढ़े हैं, जिसके चलते करना चाहती है यह सरकार ’ सत्ता के संरक्षण में बिजली चोरी और लाइन लॉस के हो रहे नुकसान की भरपाई भी जनता से वसूली करके केंद्र की मोदी सरकार के गलत नीतियों के चलते हैं बिजली का उत्पादन लागत बढ़ा है, कोयले पर ग्रीन टैक्स चार गुना अधिक बढ़ा दिए रेलवे का माल भाड़ा अधिक वसूल रहे हैं, थर्मल पॉवरप्लांट को अडानी की कंपनी से महंगे दर पर कोयला खरीदने बाध्य किया जा रहा है, डीजल पर सेंट्रल एक्साइज बढ़ाए जाने से परिवहन में और फायर के लिए उपयोग होने वाले डीजल की लागत बढ़ी है जिसकी भरपाई भी उपभोक्ताओं पर बोझ बढ़ाकर किया जा रहा है। प्रदेश भर से अनाप-शनाप बिजली बिल आने की शिकायत लगातार आ रही है, स्मार्ट मीटर के नाम पर अधिक बिल उपभोक्ताओं को भेजा जा रहा है, अब तो जनता को लूटने के लिए अडानी की कंपनी का प्रीपेड मीटर भी लगाने की तैयारी है भाजपा सरकार पूरे समय बिजली नहीं दे पा रही है, अघोषित कटौती रोज-रोज जारी है, ऊपर से सरकार ने बिजली के दामों में एक बार फिर बढ़ोतरी करके जनता की जेब में डकैती डाला है । ’ कांग्रेस पार्टी भाजपा सरकार के ऐसे अन्यायपूर्ण फैसले का विरोध करती है, सरकार के इस जनविरोधी निर्णय के खिलाफ कांग्रेस पूरे प्रदेश में आंदोलन करेगी।