बाल्यकाल मजदूरी करने का समय नहीं,उन्हे स्कूल भेजें:- सुरेश कुमार राजपूत*
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पथरिया - विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पूरे विश्व भर में 12 जून का मनाया जा रहा है। इस वर्ष का थीम- चलो अपनी प्रतिबद्धताओं पर काम करें:बाल श्रम को खत्म करें।जो बाल श्रम को खत्म करने और बच्चों को शोषण से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास पर जोर दिया जा रहा है। जिसको लेकर पथरिया ब्लॉक के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत बेलखुरी के युवा,सामाजिक कार्यकर्ता,शासकीय वीरांगना अवंतीबाई लोधी महाविद्यालय पथरिया के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष सुरेश कुमार राजपूत का कहना है कि बाल्यकाल मजदूरी करने का समय नहीं हैं,बल्कि उन्हें स्कूल भेजें। बच्चों को श्रम बाजार से बाहर निकालने के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है। यह न केवल बच्चों को आवश्यक कौशल सीखने में मदद करता है।साथ ही उन्हें आगे सभ्य जीवन जीने में भी अनुमति देता है। शिक्षा और प्रशिक्षण सामाजिक और आर्थिक विकास और लोकतंत्र के अनिवार्य चालक हैं।बच्चों को बाल श्रम जैसे शिकंजे से उन्मुक्त कर शिक्षा के अवसर उपलब्ध करवाने से ही इनका भविष्य उज्जवल हो सकता है।14 वर्ष से कम आयु के बच्चे को यदि किसी व्यवसाय या किसी प्रक्रिया में नियोजित या कार्यरत पाया जाता है,तो वह बाल श्रम है।माता- पिता की भी जिम्मेदारी होनी चाहिए कि वह अपने बच्चों को शिक्षा से दूर ना होने दें।आइए,विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर हम बाल श्रम के खिलाफ समाज में जागरूकता फैलाएं,बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ होने से बचाने का सामूहिक प्रयास करें।