राहुल गांधी के जातिगत जनगणना मुद्दे के आगे झुकी मोदी सरकार : विनोद घृतलहरे.......
पथरिया - कल केंद्र के मोदी सरकार ने देश में जातिगत जनगणना कराने का फैसला लिया है। इस फैसले का हमसब कांग्रेस नेता खुलकर स्वागत करते है, और मांग करते है कि देश की जनता को केंद्र सरकार जनगणना के समय सीमा और विषय को बताए को संसद के विशेष अधिवेशन बुलाकर जातिगत जनगणना के विषय पर चर्चा करे।
लोकसभा में विपक्ष के नेता श्री राहुल गांधी जी ने जातिगत जनगणना और देश के आर्थिक राजनीति क्षेत्र में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग लोगो के प्रतिनिधित्व और उनके हक, अधिकार को लेके लगातार सरकार से सवाल पूछ रहे थे, राहुल गांधी जी ने जातिगत जनगणना को अपने चुनावी घोषणा पत्र में और चुनाव प्रचार और भारत जोड़ो पदयात्रा के दौरान देश के जन जन तक पहुंचाया था।
न सिर्फ देश में, बल्कि अभी कुछ दिन पहले राहुल गांधी जी अपने विदेश यात्रा के दौरान भी उन्होंने इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाया है। और उन्होंने सदन में भी कहा था कि हम विपक्ष में रहते हुए जातिगत जनगणना कराकर रहेंगे। ऐसे में मोदी सरकार का जातिगत जनगणना कराने के फैसले का दिल से स्वागत करते हैं।
इससे पूर्व में कर्नाटक , तेलंगाना और बिहार की सरकार ने जातिगत जनगणना कराया था, इस राज्य के सेंसस मॉडल के रूप में काम आ सकते है।
जातिगत जनगणना से देश के आम नागरिक को पता चलेगा कि किस वर्ग के लोगों का कितना जनसंख्या है और उनके लिए देश के बजट में कितना प्रावधान है, और आगामी सरकार के विभिन्न योजनाएं बनाने और क्रियान्वयन में सरकार को बहुत मदद होगा।